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महात्मा गाँधी नरेगा से पूर्व आर्थिक विकास एवं बेरोज़गारी की समस्या


     

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ग्रामीण क्षेत्रों में गांव और शहर के अन्तराल को पाटने, खाद्य सुरक्षा प्रदान करने और जनता को मूलभूत सुविधायें उपलब्ध कराने के लिए सामाजिक और आर्थिक आधार पर लोगों को सुदृढ़ करना आवश्यक है | गावों के विकास के बिना देश का विकास संभव नहीं है | ग्रामीण विकास के मार्ग में प्रमुख समस्या ग्रामीण बेरोज़गारी की है | सरकार में इस दिशा में हर व्यक्ति को रोज़गार उपलब्ध कराने की चुनौती स्वीकार की है जिसमें रोज़गार के इच्छुक व्यक्ति को रोज़गार नहीं मिलता है, तो उसे बेरोज़गारी भत्ता देना सरकार की ज़िम्मेदारी होगी | इसी ज़िम्मेदारी को पूरा करने हेतु महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम 7 सितम्बर, 2005 को पारित किया गया |

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रोज़गार, बेरोज़गारी, अर्थव्यवस्था, महात्मा गाँधी - नरेगा.
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  • महात्मा गाँधी नरेगा से पूर्व आर्थिक विकास एवं बेरोज़गारी की समस्या

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ग्रामीण क्षेत्रों में गांव और शहर के अन्तराल को पाटने, खाद्य सुरक्षा प्रदान करने और जनता को मूलभूत सुविधायें उपलब्ध कराने के लिए सामाजिक और आर्थिक आधार पर लोगों को सुदृढ़ करना आवश्यक है | गावों के विकास के बिना देश का विकास संभव नहीं है | ग्रामीण विकास के मार्ग में प्रमुख समस्या ग्रामीण बेरोज़गारी की है | सरकार में इस दिशा में हर व्यक्ति को रोज़गार उपलब्ध कराने की चुनौती स्वीकार की है जिसमें रोज़गार के इच्छुक व्यक्ति को रोज़गार नहीं मिलता है, तो उसे बेरोज़गारी भत्ता देना सरकार की ज़िम्मेदारी होगी | इसी ज़िम्मेदारी को पूरा करने हेतु महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम 7 सितम्बर, 2005 को पारित किया गया |

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रोज़गार, बेरोज़गारी, अर्थव्यवस्था, महात्मा गाँधी - नरेगा.